5 लाख से ज्यादा इंश्योरेंस प्रीमियम की मैच्योरिटी टैक्सेबल।

इंश्योरेंस से होने वाली कमाई पर अब लगेगा टैक्स, जानिए बजट 2023 में क्या ऐलान किया गया

बजट 2023 में इंश्योरेंस सेक्टर को बड़ा झटका लगा है. अब इंश्योरेंस पॉलिसी से होने वाली कमाई को टैक्स के दायरे में लाया गया है. हालांकि, इसकी लिमिट 5 लाख है. अगर एनुअल प्रीमियम 5 लाख से ज्यादा होता है तो उस इनकम पर टैक्स लगेगा.
बजट 2023 में इंश्योरेंस से होने वाली कमाई पर टैक्स का ऐलान किया गया. अगर आपके इंश्योरेंस का सालाना प्रीमियम 5 लाख से ज्यादा है तो, उससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा. अभी तक इंश्योरेंस से होने वाली रेग्युलर इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री होती थी. इसका फायदा HNI यानी हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स को मिलता था. बजट ऐलान के बाद इन एचएनआई को इंश्योरेंस से होने वाली कमाई पर लिमिटेड लाभ ही मिलेगा. यह नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होगा.

31 मार्च तक पुराना नियम लागू रहेगा

सदन में अपने बजट संबोधन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि अगर कोई इंडिविजुअल एक वित्त वर्ष में 5 लाख से ज्यादा प्रीमियम जमा करता है तो, उससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा. इसमें ULIP प्लान को शामिल नहीं किया गया है. जो इंश्योरेंस पॉलिसी 31 मार्च 2023 तक जारी की जाएगी, उसपर भी यह नियम नहीं लागू होगा.

डेथ बेनिफिट पूरी तरह टैक्स फ्री
वर्तमान नियम के मुताबिक, इंश्योरेंस होल्डर की मौत हो जाने पर नॉमिनी को जो रकम मिलती है, वह पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. यह सुविधा आगे भी जारी रहेगी. बता दें कि सेक्शन 10(10)D के तहत इंश्योरेंस की मैच्योरिटी पर टैक्स बेनिफिट मिलता है. जैसा कि हम जानते हैं डेथ बेनिफिट पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. अगर पॉलिसी होल्डर को मैच्योरिटी का लाभ मिलता है तो इस सेक्शन के तहत अगर प्रीमियम अमाउंट सम अश्योर्ड का 10 फीसदी तक होगा तो मैच्योरिटी टैक्स फ्री होगा. अगर प्रीमियम अमाउंट ज्यादा होगा तो मैच्योरिटी टैक्स फ्री नहीं होगा.

सभी इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम को मिलाकर यह लिमिट
एक्सपर्ट के मुताबिक, 5 लाख की लिमिट सभी इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए है. अगर किसी इंश्योर्ड पर्सन ने अलग-अलग पॉलिसी खरीदी है और उसका कुल प्रीमियम 5 लाख करोड़ के पार होता है तो यह नियम लागू होगा. इस बात को ध्यान में रखें कि इसमें ULIP प्लान का प्रीमियम शामिल नहीं किया जाएगा. बजट 2021 में ULIP प्लान को टैक्स के दायरे में लाया गया था. 2.5 लाख से ज्यादा एनुअल प्रीमियम होने पर टैक्स लगता है. मैच्योरिटी अमाउंट पर सेक्शन 112A के तहत कैपिटल गेन टैक्स लगता है.

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