4 सितंबर 2025 को केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पूरी तरह समाप्त कर दिया। अब पॉलिसी धारकों को प्रीमियम पर कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं देना होगा। वरिष्ठ बीमा सलाहकार सुनील डोगरा ने बताया भारत में जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ था,उसी समय से इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी जीएसटी लगाया जाने लगा था।
सुनील डोगरा ने बताया जीएसटी लागू होने के बाद इंश्योरेंस प्रीमियम पर 1.8% से लेकर 18% तक जीएसटी लगता था। टर्म इंश्योरेंस पर 18%,हेल्थ इंश्योरेंस पर 18%, एंडोमेंट / मनीबैक / सेविंग्स प्लान (पहले वर्ष): 4.5%, एंडोमेंट / मनीबैक (नवीकरण प्रीमियम): 2.25%, एन्यूटी / पेंशन प्रोडक्ट्स: 1.8% जीएसटी लगता था जो अब 22 सितंबर 2025 से खत्म कर दिया गया है। इस छूट का फायदा पुरानी ओर नई सभी तरह की पॉलिसियों को मिलेगा।

2017 जीएसटी से पहले इंश्योरेंस पर सर्विस टैक्स 15% लागू था।
इसका असर खासकर टर्म और हेल्थ इंश्योरेंस पर अधिक पड़ता था।अब ग्राहक सिर्फ प्रीमियम की असली रकम भरेंगे, उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
उदाहरण: 50,000 रुपए के टर्म प्लान प्रीमियम पर पहले लगभग 9,000 रुपएतक टैक्स देना पड़ता था, अब यह बोझ पूरी तरह खत्म हो गया है। इससे हर साल लाखों परिवारों को हजारों-लाखों रुपय की बचत होगी।
सुनील डोगरा ने बताया मैच्योरिटी पर धारा 10(10D) में कोई बदलाव नहीं सरकार ने साफ किया है कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(10D) के तहत पॉलिसी मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पहले की तरह टैक्स-फ्री रहेगी।
उन्होंने बताया कि यह फैसला इंश्योरेंस सेक्टर को नई ऊर्जा देगा। इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा और इंश्योरेंस की पहुंच आम लोगों तक और आसान होगी। और 2047 तक हर इंसान का बीमा संकल्प जो सरकार ने लिया है उसको पूरा करने में यह कदम कारगर साबित होगा।