सैलरी के अलावा 1 रुपये भी हुई है कमाई, तो छुपाएं नहीं ITR मे जरूर करें जिक्र – सुनील डोगरा

फाइनेंशियल ईयर 2021-22 यानी असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय शुरू हो चुका है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार लोगों को कह रहा है कि बिना डेडलाइन का इंतजार किए फटाफट आईटीआर फाइल कर दें.

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वित्तीय सलाहकार सुनील डोगरा ने बताया इस बार आईटीआर भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2022 है और जरूरी नहीं है कि हर बार की तरह इसे बढ़ाया जाए. ऐसे में लेट-लतीफी टैक्सपेयर्स को भारी पड़ सकती है. इस बार से आईटीआर फाइलिंग के कुछ नियमों में बदलाव किया है. आईटीआर भरने से पहले इन बदलावों के बारे में जान लेना जरूरी है, वर्ना हो सकता है कि आईटीआर भरने के बाद भी आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिल जाए.

जानें क्या है एआईएस और टीआईएस

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में एआईएस यानी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट और टीआईएस यानी टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी लॉन्च की है. डिपार्टमेंट ने इनकी शुरुआत आईटीआर फाइलिंग में पारदर्शिता लाने और टैक्सपेयर्स के लिए चीजें सरल बनाने के लिए की है. आइए जानते हैं कि एआईएस और टीआईएस क्या है… उन्होंने बताया नए एआईएस फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अलग-अलग माध्यमों से हुई सारी कमाई का ब्यौरा दिया रहता है. इनमें सेविंग अकाउंट से ब्याज के रूप में हुई कमाई , रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट से इनकम , डिविडेंड के रूप में मिले पैसे , म्यूचुअल फंड समेत सिक्योरिटीज के लेन-देन से हुई आय, विदेश से मिले पैसे आदि शामिल हैं. आईटीआर फाइलिंग को आसान बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टीआईएस की शुरुआत की है. इसमें टैक्सपेयर्स को टैक्सेबल राशि की एकमुश्त जानकारी मिल जाती है.

इस तरह आईटीआर फाइलिंग में मददगार

आम तौर पर लोग खासकर वेतनभोगी वर्ग फॉर्म-16 के आधार पर आईटीआर फाइल कर देता है. हालांकि इसके अलावा भी कई तरह के इनकम और यहां तक कि गिफ्ट भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. एआईएस और टीआईएस यहीं पर टैक्सपेयर्स के लिए मददगार साबित होता है. एआईएस में आपको सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से हुई हर उस कमाई का ब्यौरा मिल जाता है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत स्पेसिफाई किया गया है. मतलब इसमें हर उस इनकम की जानकारी मिलेगी, जो टैक्सेबल कैटेगरी का है. सरल शब्दों में कहें तो किसी एक फाइनेंशियल ईयर के दौरान किए गए सारे वित्तीय लेन-देन के डिटेल्ड स्टेटमेंट को एआईएस कह सकते हैं. टीआईएस इसी का सारांश होता है.

यहाँ समझाने का मतलब ये है कि जब भी आप अपनी आईटीआर फ़ाइल करते हैँ तो चाह कर भी कुछ ना छुपाएं ताकि आने वाले कल में आप बेफिक्र रहें औऱ अच्छे नागरिक बन देश के विकास,उनन्ति औऱ अखंडता में अपना योगदान दें.

 

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